आज के समय की सबसे बेहतरीन पंक्तिया

आज के जीवन पर सबसे बेहतर पंक्तिया " वक़्त का दर्रा दर्रा"  वक़्त का दर्रा दर्रा बिता जा रहा है, यादो के पन्नो को समेटा जा रहा है।                                  
इस भागदौड़ की जिंदगी में, इस कदर उलझे हुए हैं, ऐसा लग रहा है कि जिंदगी को बस घसीटा जा रहा है।                             पैसो की चाहतो मे इतने  पागल हो गए है, रिश्तो को तो एक दायरे में समेटा जा रहा है।            
सोचा था अब तो विराम लगेगा कही ना कही, लेकिन बेहतरिन की तलाश में बेहतर को भुला जा रहा है।                               कभी इसकी चाहतो मे, कभी उसकी चाहतो में, अपनी ही चाहतो को मारा जा रहा है।                      
    बड़े- बड़े भौतिक सुखों की तलाशो में, छोटे-छोटे सुखों का गला दबाया जा रहा है।।                                                           ए मयंक अब तो थम जा , कल को जीने के लिये "आज"  को क्यों गवाये जा रहा है।।                                                 जिंदगी को जिया नहीं सिर्फ और सिर्फ काटा जा रहा है।       ✍ मयंक शुक्ला✍

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