"रावण"

रावण नाम सुनते ही हमारे मानसपटल दानव,दैत्य, राक्षस की छवि आ जाती है। लेकिन रावण क्या वाकई में वैसा इंसान था जैसा हम सोचते है,क्या वाकई में हम रावण का पुतला जलाने लायक है। रावण एक ऐसा किरदार जिसे बुराई का प्रतिक माना जाता है, बुराई पर अच्छाई की जीत के लिए जलाया जाता है,लेकिन क्या रावण वाकई में इतने बुरे इंसान थे जितना आज का इंसान हुआ जा रहा है। रावण जी को प्रखण्ड पंडित कहा जाता था, हा उन्होंने सीता माता का अपरहण किया था लेकिन उन्होंने कभी माता सीता को जबरजस्ती छूने की कोशिस भी नहीं की, लेकिन आज का इंसान तो ना जाने क्या क्या कर रहा है? रावण जी ने तो अपने दशोशिश निकाल कर अपना किरदार बताया लेकिन आज के इंसान में न जाने कितने रावण(बुराई) छिपी हुई है। रावण जैसा भाई तो हर बहन को मिले जिसने अपनी बहन के लिए पूरे कुल और स्वयं को भी नष्ट कर लिया। अब में आपसे कुछ प्रश्न पूछना चाहता हु और उम्मीद करता हु आप सब अपने अंतर्मन से सोचेंगे, अगर रावण गलत है तो हर वो इंसान गलत है, जो किसी परायी स्त्री पर नजर रखता है,जो अपने भाई का अपमान करता है,जो अपने अहंकार में जीता है,जिसमे कोई ना कोई बुराई जरूर है क्योंकि रावण को बुराई का प्रतिक माना जाता है,अब आप सोचिये की क्या आपके अंदर भी कोई ना कोई रावण(बुराई) छुपी है अगर अंतर्मन से आवाज आये हां  तो रावण को जलाना छोड़कर, अपने अंदर के छुपे हुए रावण(बुराई) को जलाये यकीन मानिये इससे बड़ी खुशी भगवान राम को नहीं होगी और नहीं आपके समाज को। आप इसे पढ़ने के बाद एक बार जरूर सोचियेगा की इस बार रावण दहन करे या अपने अंदर छुपे हुई बुराई को, विचार जरूर करे?
जय श्री राम , जय लंकेश

✍मयंक शुक्ला✍

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