" थोड़ा मुस्कुराया जाये"
1.चलो थोड़ा मुस्कुराया जाये, जिंदगी की परेशानियों को भुलाकर फिर से चेहरे को खिलखिलाया जाये।
बहुत दिन हो गए है अपनों से बात किये हुए, चलो आज उनसे भी थोड़ी देर बतियाया जाये।।
चलो थोड़ा मुस्कुराया जाये............
2.पैसा ,तरक्की ,काम इनमे बहुत उलझे हुए है, अरे साहब इन्हें छोड़कर अपने लिए भी जिया जाये।।
फख़त आरजू थी पहले चाँद छूने की,अब कुछ देर के लिए ही सही अपने चाँद को निहारा जाये।।
चलो थोड़ा मुस्कुराया जाये.........
3.जिम्मेदारियों ने जकड़ रखा है जंजीरो से,कुछ देर के लिए ही सही इनसे भी पीछा छुड़ाया जाये।।
अपने यारो, रिश्तेदारों पर बहुत गर्व है, बुरा वक़्त है चलो आज इन्हें भी आजमाया जाये।।
चलो थोड़ा मुस्कुराया जाये.........
4.बड़े -बड़े पलो की तलाश में दौड़े जा रहे हो, चलो आज छोटे-छोटे पलो का भी मजा उठाया जाये।।
जिंदगी एक खुशनुमा एहसास है, इस एहसास को हँसी ख़ुशी बिताया जाये।।
चलो थोड़ा मुस्कुराया जाये........
5.तेरा-मेरा, अपना-पराया,सच्चा-झुठा बहुत कर लिया, क्यों ना अब सबको अपना बनाया जाये।।
ऐ जिंदगी तेरी जिम्मेदारिया निभाते-निभाते थक चुके, मुनासिब होगा अब अपना भी हिसाब कराया जाये।।
चलो थोड़ा मुस्कुराया जाये.........✍मयंक शुक्ला✍
बहुत दिन हो गए है अपनों से बात किये हुए, चलो आज उनसे भी थोड़ी देर बतियाया जाये।।
चलो थोड़ा मुस्कुराया जाये............
2.पैसा ,तरक्की ,काम इनमे बहुत उलझे हुए है, अरे साहब इन्हें छोड़कर अपने लिए भी जिया जाये।।
फख़त आरजू थी पहले चाँद छूने की,अब कुछ देर के लिए ही सही अपने चाँद को निहारा जाये।।
चलो थोड़ा मुस्कुराया जाये.........
3.जिम्मेदारियों ने जकड़ रखा है जंजीरो से,कुछ देर के लिए ही सही इनसे भी पीछा छुड़ाया जाये।।
अपने यारो, रिश्तेदारों पर बहुत गर्व है, बुरा वक़्त है चलो आज इन्हें भी आजमाया जाये।।
चलो थोड़ा मुस्कुराया जाये.........
4.बड़े -बड़े पलो की तलाश में दौड़े जा रहे हो, चलो आज छोटे-छोटे पलो का भी मजा उठाया जाये।।
जिंदगी एक खुशनुमा एहसास है, इस एहसास को हँसी ख़ुशी बिताया जाये।।
चलो थोड़ा मुस्कुराया जाये........
5.तेरा-मेरा, अपना-पराया,सच्चा-झुठा बहुत कर लिया, क्यों ना अब सबको अपना बनाया जाये।।
ऐ जिंदगी तेरी जिम्मेदारिया निभाते-निभाते थक चुके, मुनासिब होगा अब अपना भी हिसाब कराया जाये।।
चलो थोड़ा मुस्कुराया जाये.........✍मयंक शुक्ला✍
Mashallah bahot hi pyari kavita hain
ReplyDeleteजी शुक्रिया
ReplyDeleteबहुत ही सुंदर और जीवन में उतारने लायक कविता है।क्योंकि सच में आज के दौर में किसी के पास मुस्कुराने की फुरसत नहीं है।
ReplyDeleteजी धन्यवाद
ReplyDeleteबहुत खूब भाई👌👌
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